लाल किताब (व्याकरण और व्याख्या ) By Umesh Sharma
प्रस्तुत पुस्तक में लाल किताब पद्धति से कुण्डली की व्याख्या करने के लिए उसके सिद्धान्तों को जो उसके व्याकरण विभाग में दिये हुए है जानना अति आवश्यक है, क्योकि लाल-किताब पद्धति की अपनी एक अलग व्याकरण है जो परम्परागत ज्योतिष से कुछ हट कर है I अत: प्रस्तुत पुस्तक में लाल -किताब के व्याकरण खण्ड को लेकर उसको सर भाषा में प्रस्तुत करने की एक छोटा सा प्रयत्न है ताकि जनसाधारण भी इसको अच्छी तरह जान कर इसको अपने उपयोग में लाकर अपने जीवन में अपने को समर्थ बना सके I
व्याकरण परिचय
ग्रहो के पक्के घर
एक ग्रह का दूसरे ग्रह से सम्बन्ध
ग्रह राशि का आपसी सम्बन्ध
सोया भाव और सोया ग्रह
आयु के कौन से वर्ष में किस राशि न. व् भाव न. के ग्रह प्रभावी होंगे इत्यादि I
Nakshtra Rahasya - Hindi Author- Raj Kumar Lt Col नक्षत्रों का भी एक विचित्र संसार है जिन के साथ अनेकों कहानियां, किम्वदंतियां,धार्मिक/ आध्यात्मिक सोच और ज्ञान के भण्डार जुड़े हैं।...
Author- Radhakrishan Shrimali
बिना दृष्टि के जीवन उस अँधेरी रात की तरह है , जिसमे अपने शारीर के अंगो का भी एहसास नहीं होता I यही स्थिति ज्योतिष ज्ञान के बिना मानव जीवन की है I ज्योतिष एक प्राचीन शास्त्र है जिसकी अवहेलना नहीं की जा सकती I लेकिन इस प्राचीन ज्ञान अर्थार्त ज्योतिष को नकारने की परंपरा इन दिनों समाज में विकसित हुई है I परन्तु मजे की बात यह है की ऐसा वर्ग भी किन्ही विशेष स्थितियों- परिस्थितियों में देवज्ञ की शरण लेता है और वहां उसे अपनी समस्याओं का समाधान भी मिलता है I यही स्थिति एक सामान्य व्यक्ति की भी है I वह भी कुछ विशेष अवसरों पर ज्योतिष शास्त्र का आश्रय लेता है I
यहाँ यह वाट विचारणीय है की यदि किन्ही विशेष स्थितियों - परिस्थितयो या विशेष आयोजनों पर ज्योतिष के मार्ग दर्शन से हम शुभ और लाभ प्राप्त कर सकते है, तो नित्यप्रति की छोटी - बड़ी समस्याओं का निराकरण क्या इस विशिष्ट शास्त्र द्वारा नहीं कर सकते ? ज्योतिष शास्त्र समस्याओं का समाधान तो सुझाता ही है , वह जीवन की प्रतिकूलताओं को अनुकूलताओं में भी परिवर्तित कर देते है I यहाँ यह भी जाना जरूरी है की उपायों के रूप में ज्योतिष शास्त्र तंत्र, मंत्र और यन्त्र साधनाओ का भी उपयोग करते है I
इस पुस्तक में जन्म कुंण्डली का विवेचना करने के बाद उसके समाधान भी सुझाए गए है I यदि श्रद्धा और आस्थापूर्वक इन उपायों को यथा विधि किया जाए तो मनचाही कामना अवश्य ही पूर्ण होगी - ऐसा शास्त्र वचन है I
Published by Ranjan Publications Author- Sooryanarayan Vyas Explore the rare and complex aspects of astrology with Durlabh Kundali Sangrah by Sooryanarayan Vyas. This insightful collection offers a deep dive into...
Prashna Marg (Prasna Marga) (2 Volume Set)By Shukdev Chaturvedi and JN BhasinPublished by Ranjan Publications Unlock the secrets of predictive astrology with the two-volume set of Prashna Marg (Prasna Marga)....
Book Title: Nashta Jatakam Author-Mukunda DaivajnaPublisher: Ranjan PublicationsLanguage: Hindi Description:"Nashta Jatakam" is a specialized guide to decoding the secrets of lost or missing horoscopes in Vedic astrology. Written in Hindi,...
जातकालंकार Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) जातकालंकार वास्तव में ही जातक शाखा का अलंकार भुत ग्रन्थ है l प्राचीन शुकसुत्रो का अर्थपल्ल्वन श्लोकबद्ध रीति से करके गणेश कवी ने...
Author-GS Kapoor (Gauri Shankar Kapoor) मुम्बई के प्रसिद्ध विद्वान श्री एन .एन .कृष्ण राव ने दक्षिण भारतीय ज्योतिष के अनेक प्राचीन ग्रंथों का संग्रह किया l उनका कुशल सम्पादन व...
ज्योतिष द्वारा रोग निवारण Author- Radhakrishan Shrimali
जन्मकुंण्डली में किस ग्रह से किस रोग का विचार करे, किस रोग की स्थिति में किस मंत्र - स्रोत्र का पाठ करे आदि का शास्त्र - सममत प्रतिपादन I पराविज्ञान के ज्ञाता देवज्ञ लेखक ने अपने अनुभव सिद्ध प्रयोगों का पुट देकर पुस्तक को अति उपयोगी बना दिया है I
ज्योतिष की दृष्टि से असाध्य रोगों का कारण सहित विवेचन I
Jatak Bhushanam by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Jatak Bhushanam is a renowned work by the esteemed astrologer Suresh Chandra Mishra, offering deep insights into the art of astrology and...
दाम्पत्य सुख (ज्योतिष के झरोखे से) Author - Shukdev Chaturvedi ज्योतिष शास्त्र का विषय सूक्ष्म और गहन है, इसका प्रयोजन भविष्य की घटनाओ का परिचय कराना ही नहीं, अपितु परिचय...