Author-MS Mehta ज्योतिष शास्त्र के गूढ़ सिद्धान्तों को सही ढंग से समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और इसके परिणाम स्वरुप सही फलकथन नहीं कर पाते है l...
“व्यापारे वसति लक्ष्मी:” .. यह बात निर्विवाद सिद्ध है कि जेसे मनुष्य व्यापार से शीत्र धनाडय हो सकता है वैसे नौकरी, कृषि. आदि अन्य कर्मों से नहीं । एतंदर्थ शास्त्रकारों...
प्रस्तुत ग्रन्थ में ग्रहों का मानव जीवन पर प्रभाव, ग्रहों के प्रभाव को जानने के साधन, ज्योतिष एवं कर्मवाद, ज्योतिष एवं आयुर्वेद, रोगोत्पति के कारण एवं ज्योतिष शास्त्र में रोग विचार की...
जैमिनी ज्योतिष से फलित Author- VP Goel जैमिनी ज्योतिष पद्धति एक अनूठी और आकर्षित करने वाली पद्धति है l यह फलित ज्योतिष का अनुपम साधन है l जैमिनी और पराशरी...
Hindu Jyotish Mein Karma aur Punarjanmaलेखक: KN Raoप्रकाशक: वाणी पब्लिकेशन यह पुस्तक हिंदू ज्योतिष में कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतों की गहराई से व्याख्या करती है। KN Rao ने इस...
Jyotish Mein Anglakshan Author: KN RaoPublisher: Vani Publications Description:Can the signs and marks on your body reveal your destiny? In Jyotish Mein Anglakshan, renowned astrologer KN Rao explores the astrological...
Jyotish ke Mool Sidhant [Hindi]Author: Priyambda Agarwal, KN RaoPublisher: Vani Publications Delve into the foundational principles of Vedic astrology with Jyotish ke Mool Sidhant, a must-read for astrology enthusiasts and...
दशाफल दर्पण Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) जातकतत्व, पत्रिमार्गप्रदीप आदि प्रसिद्ध ग्रंथो के रचयिता श्री महादेव पाठक जी (रतलाम) के सुपुत्र श्री निवास पाठक कृत यह ग्रन्थ लगभग १५०...
Yogi Prarabdha Awam Kaalchakra [Hindi]Author: KN RaoPublisher: Vani Publications Explore the deep interconnections between destiny, karma, and time through Yogi Prarabdha Awam Kaalchakra, a masterful work by the renowned astrologer...
नक्षत्र विचार By Prash Trivedi अपने को १२ राशियों में मत बांधिए ...........वैदिक ऋषियों की भांति अपने ज्ञान को २७ नक्षत्रो तक बढ़ाए .............. ये तो सभी जानते है...
Jaimini Mukta (Pearls From Jaimini) [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications पाराशर द्वारा स्वीकृत लेकिन पाराशर होरा में कुछ कम विस्तार से बताए गए महत्वपृर्ण और सटीक...
जातकदेशमार्ग Author- Maharishi Abhay Katyayan
भारतीय ज्योतिषशास्त्र में तीन स्कन्धों के जातकस्कन्ध शीर्ष पर है I जन्मपत्रिका का निर्माण तथा फलादेश इसी स्कंध के आधार पर है I जातकशास्त्र ही होराशास्त्र भी कहलाता है एवं इसी शास्त्र पर संस्कृत में श्रीपद्धमनाभीसोम्याजीप्रणीत 'जातकदेशमार्ग' भी एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है I 'जातकदेशमार्ग' में लगभग ५१२ संतुलित श्लोक है I सम्पूर्ण ग्रन्थ में सत्रह अध्याय जिन्हें संज्ञाप्रकरण, विवेक प्रकरण, अरिष्ट, अरिष्ट भंग, आयुविर्भाग, आयु योग, मरणनिर्णय, योग, अष्टकवर्ग, भाव विचार, गोचर फल, दशापहार, भार्याविचार, आनुकूल्य, पुत्र- चिंता, संतान चिंता तथा मिश्रकाध्याय नाम दिए गए है I
इस ग्रन्थ में ऐसी अनेक विलक्षण बाते है जो कि उत्तरी भारत में लिखे गए ग्रंथो में उपलब्ध नहीं होती है I ग्रन्थ में बालारिष्टो, अरिष्टभंग तथा आयुयोगो का अति उत्तम विवेचन सौष्ठवपूर्वक किया गया है I जनमाह के नो विशेष दोषो के महत्वपूर्ण प्रभाव का विवेचन एवं मांदी (मुलिक) तथा यमकंटक जैसे उपग्रहों की फलित में क्या महत्ता है ? इसका दिग्दर्शन किया गया है I संतान एवं विवाह समय के ज्ञान एवं फलादेश के लिए अनेक प्रकार के स्फुटो का गणित तथा फलित विस्तारपूर्वक समझाया गया है I