Mahilaayen aur JyotishBy Parmanand SharmaPublished by Ranjan Publications Discover the powerful connection between women and astrology with Mahilaayen aur Jyotish by Parmanand Sharma. This insightful book explores the unique astrological...
लाल किताब से कष्ट - निवारण Author- CM Shrivastava ग्रह शांति कर सुख - सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने वाली अति विशिष्ट जानकारी लाल किताब को ज्योतिष शास्त्र का एक...
Author- SK Anil यह पुस्तक मेरे गुरु श्री एस पी खुल्लर जी द्वारा विकसित " कस्पल इंटेरलिंक्स एंड सब सब थ्योरी " अर्थात " नक्षत्र ज्योतिष " पध्दति पर आधारित...
होराशास्त्रम (बृहज्जातकम) Author- Satyendra Mishra
होराशास्त्रम विञ्जनों द्वारा प्रतिपादित शब्दशास्त्रन्यायशास्त्रदि अनेक शास्त्रों का बहुत बार अध्ययन करने पर भी जो होरा शास्त्ररूपी महासमुद्र को तैरने में सक्षम नहीं हो पाते उन लोगो के लिए नौका स्वरुप इस ग्रन्थ को मै बनाता हूँ, जो अल्प शब्द और बहुत अर्थो से युक्त है I
अहरोत्र का दूसरा नाम होरा होता है I अहोरात्र के पूर्व वर्ण 'अ' और अंत्यवर्ण 'त्र ' के लोप होने से बीच के 'होरा' ये दो अक्षर बाकी रह जाते है I होरा 'लग्न ' को भी कहते है I यह 'होरा' मनुष्य के पूर्व जनमाजिर्त शुभाशुभ कर्मफल को प्रकाशित करता है I
दो मछलियों में परस्पर एक के मुख में दूसरे की पूँछ मिलाकर जो स्वरूप बनता है वह मीन राशि का स्वरूप है I कंधे पर घड़े रखे हुए पुरुष के जैसा कुंभ राशि का स्वरूप है I मिथुन राशि का स्वरूप स्त्री - पुरुष जोड़ा है जिसमे पुरुष के हाथ में गदा तथा स्त्री के हाथ में वीणा है I धनुराशि का कमर से ऊपर मनुष्य का शरीर जो हाथ में धनुष वाण लिए है और कमर के निचे घोड़े का शरीर है I बड़े - बड़े सिंहो से युक्त हरिनमुख तथा मगरमच्छ शरीर सदृशं मकर का स्वरूप है I
इस ग्रन्थ में 'रुद्रविवर्णी' संस्कृत टिका के साथ - साथ 'प्रज्ञावृद्धिनी' हिंन्दी टिका भी दी गई है जिसमे सरल शब्दों में ग्रन्थ के दुरूह स्थलों को समझाया गया है i साथ ही सारणी एवं चक्रो के द्वारा योगो के स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है कि छात्रों को कम समय में ही विषय का ज्ञान हो सके i
ग्रन्थ की विषयवस्तु - इस ग्रन्थ का नाम प्रश्न मार्ग है l अस्तु, यह ग्रन्थ देवज्ञ को जीवन से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है l यह समाधान जातकशास्त्र, प्रश्नशास्त्र,मुहुर्तशास्त्र, स्वरोदयविज्ञान, आयुर्वेद, प्राकृतिक लक्षण, सहिंताज्योतिष, शकुनशास्त्र, स्वप्नशास्त्र, व्यक्ति की भाव - भंगिमाएँ, उसकी चेष्टाएँ तथा उसके मनोविज्ञान पर आधारित होता है l अस्तु:,...
Author- Shrikrishan Jugnu मूल संस्कृत श्लोको की हिंदी व्याख्या व् समालोचनात्मक विवेचन से सुभूषित यह रचना बड़े मुहर्त ग्रंथो में भीतर पैठने से पूर्व नए विधाथिर्यो को अभ्यास करके विषय...
Author- Hemant Kumar Sharma फलित ज्योतिष में लघुपाराशरी का महत्वपूर्ण स्थान है I इस लघु ग्रन्थ में आचार्य ने फलित के ऐसे अनेक गूढ़ रहस्यों को भर दिया है, जो...
भावकुतूहलम Author- Harishankar Pathak
'भावकुतूहलम' ज्योतिष जगत में एक जाना पहचाना ग्रन्थ है I ज्योतिष के जातक खंड में विधमान ग्रन्थों की शृंखला की यह एक अनुपम और महत्वपूर्ण कड़ी है I इसके प्रणेता पंडित जीवनाथ मिथिला के मैथिल ब्रहामण थे I इनके पिता ज्योतिविर्द पंडित शम्भूनाथ तथा पितामह पंडित करुणाकर प्रभृत अपने समय के विख्यात देवज्ञ थे I
इस ग्रन्थ के लघुकलेवर में ज्योतिष सम्बन्धी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियो को समायोजित कर इस ग्रन्थ की महत्ता और गुणवत्ता की वृद्धि आचार्य ने की है I यह सम्पूर्ण ग्रन्थ सत्रह अध्यायों से सुसज्जित है , जिसमे सामान्यत: ज्योतिविषयक महत्वपूर्ण जानकारियाँ संगृहत है I
भावकुतूहलम के अध्यायों में वर्णित विषय वास्तु के अध्ययन से सामान्य व्यक्ति भी फलादेश कर सकने में समर्थ हो सके इसलिए प्रस्तुत हिंदी टिका में आवश्यकता के अनुरूप विशेष चर्चा के साथ-साथ आवश्यकतानुसार उदाहरण भी दिए गए है I आशा है की इस विषय के जिज्ञासु प्रस्तुत संस्करण के अध्ययन से लाभान्वित होंगे I
Author- Raghunandan Prasad Gaur यु तो ज्योतिष विज्ञानं पर अनेक ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके है और हो रहे है, परन्तु उनकी प्रमाणिकता सदा ही संदिग्ध रही है. प्रस्तुत पुस्तक अब...
Jyotish aur Santan Yog [Hindi] by Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books ज्योतिष और संतान योग संसार का प्रत्येक मनुष्य, स्त्री या पुरुष चाहे किसी भी जाति, धर्म, व् सम्प्रदाय का क्यों...
फलित सरोवर , Author - Raghunandan Prasad Gaur प्रत्येक व्यक्ति को अपने भविष्य में घटित होने वाली शुभाशुभ घटनाओं की जानने की जिज्ञासा रहती है I यही कारण है कि...