Vridha Yavana Jataka by SC Mishra ग्रन्थ परिचय फलित ज्योतिष की प्राचीन सिद्धान्त धारा की पावन गंगोत्री रूपी रचना, लगभग 1800 वर्ष पहले भारतवर्ष में लिखी गई, जो अलभ्य थी, वह...
शरीर लक्षण एवं चेष्टाएँ Author-SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) शरीर लक्षण ज्योतिष शास्त्र का एक प्रमुख अंग है l वैदिक साहित्य से लेकर, आधुनिक साहित्य व ज्योतिष वाड्मय में मानव...
विंशोत्तरी दशा के नाम से प्रख्यात पद्धति का भारतीय ज्योतिष में ऊँचा स्थान है। पराशर की इस पद्धति का उपयोग भारतीय ज्योतिषवेत्ता फल-प्रतिपादन के लिए प्राचीन काल से करते आ...
लाल किताब के अद्धभूत टोटके एवं उपाय प्राय: नवग्रहों के कुप्रभाव से बचने के लिये रत्न, यंत्र व् जड़ी धारण, मंत्र जाप, नवग्रह उपासना आदि बताये जाते है I व्यस्तता...
इल्मे सामुद्रिक की लाल किताब Author- Mohammad Hanif Khan लाल किताब पाँच भागो में क्रमश: 1939,1940, 1941, 1942, और 1952 में प्रकाशित हुई थी l 1952 में प्रकाशित पुस्तक इल्मे...
Jyotish: Ujale ki Aur [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications अनेक बार ऐसे प्रश्नों, शंकाओ और उलझनों से हमारा वास्ता पड़ता है जिनका समुचित समाधान किसी ग्रन्थ...
सरलतम षड्बल पुस्तक में १० नये आयाम व् चमत्कारी सूत्रों का प्रयोग किया गया है l विद्याथिर्यों व् पाठकगणो का इसमें अत्यंत सरलता से षड्बल समझ में आ जाएगा l...
Brihaspati Dasha Phaldipika बृहस्पति दशाफल दीपिका को अग्रांकित २१ अध्यायों में व्याख्यायित और विभाजित किया गया है जिसमे बृहस्पति की महादशा के फल के साथ - साथ बृहस्पति की महादशा...
सर्वार्थ चिंतामणि By Krishna Kumar बृहत् पाराशर होरा में दशाफल से लेकर सूक्ष्मदशा तक के फल है l सर्वार्थ चिंतामणि में अन्तर्दशा तक ही विचार किया गया है पर इस...
विवाह का समय Author- Bpesvs
पुस्तक का वर्ण विषय ही विवाह का समय निर्धारण है I अत: इसमें विवाह का समय निकट है अथवा नहीं, विवाह कब होगा आदि का निर्धारण
करने के लिए विभिन्न ग्रहस्थितियो पर चर्चा की गई है I विभिन्न दोषो पर प्रकाश डाला गया है I साथ ही कुछ ऐसी बातो पर प्रकाश डाला गया है
जिनके विषय में सामान्य जन सोच भी नहीं सकते की इस बात का विवाह से कोई सम्बन्ध हो भी सकता है ? उदाहरण के लिये दशम भाव का
अध्ययन जातक के कार्य तथा व्यवसाय आदि के विषय में अध्ययन के लिये तथा पिता के लिये किया जाता है i सप्तमांश का प्रयोग मूलतः
संतान के विषय में अध्ययन करने के लिये किया जाता है I प्रस्तुत शोध कार्य में इस विषय में भी प्रकाश डाला गया है कि विवाह के विषय में
दशम भाव और सप्तमांश का क्या महत्व है I विशोत्तरी दशा तथा गोचर की विवाह के समय निर्धारण में क्या उपयोगिता है, इस बात पर भी
प्रकाश डाला गया है I ज्योतिष और वैवाहिक जीवन का परस्पर सम्बन्ध बताया गया है I अंत में विवाह से सम्बंधित कुछ सफल फलादेशों के
उदाहरण प्रस्तुत किये गए है I जिससे पाठको को इस नियमो को समझने तथा इनका प्रयोग करने में सरलता हो I इस प्रकार विवाह के समय
निर्धारण के विषय में यह शोधकार्य पाठको को उचित मार्ग दर्शन करने में निशिचत रूप से सक्षम है, ऐसी हमारी मान्यता है I हिंदी प्रेमियो की
भी मांग बार-बार हमारे पास आ रही थी I अत: प्रस्तुत संकलन का हिंदी अनुवाद पाठको के अवलोकनार्थ और समीक्षार्थ प्रस्तुत है कोई भी
परामर्श पाठक भेजे तो उसका स्वागत होगा I
Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) ज्योतिष एक सम्पूर्ण शाश्त्र है l शाश्त्र का क्रमबद्ध व प्रामाणिक ज्ञान तथा व्यावहारिक समन्वय ये दो तत्त्व मिलकर एक निपुण ज्योतिषी का निर्माण...