kaaran-paatra
  • SKU: KAB1779

Kaaran Paatra [Hindi]

₹ 200.00 ₹ 250.00
  • Product Type: Book
  • Barcode: 9788190679664
DESCRIPTION

द सन्‌ १६४८ ई. से १६७८ ई. की काल सीमा के अन्तर्गत योग-तंत्र .. से संबंधित अपनी आध्यात्मिक पिपासा को शान्त करने के उददेश्य से जिन प्रच्छन्‍न और अप्रच्छन्‍न सिद्ध साधकों, महात्माओं और योगियों से मेरा सत्संग लाभ हुआ और सत्संग के क्रम में जो गुह्य ज्ञान उपलब्ध हुआ जो अलौकिक अनुभव हुए और साथ ही जो अवर्णनीय परानुभूति हुई मुझे | निश्चय ही वह अतिमहत्वपूर्ण आध्यात्मिक सम्पत्ति समझी जायेगी इसमें सन्देह नहीं | उन्ही सबका परिणाम है 'कारण पात्र' | 

आरतीय आध्यात्म का मुख्य विषय है योग और तंत्र | इस विश्व भ्रमांड में में दो सत्ताएं है - आत्मपरक सत्ता और वस्तुपरक सत्ता | पहली आतंरिक है और दूसरी सत्ता बाह्य हैं। आत्मपरक सत्ता का संबंध अंतर्जगत  से है और जिसका विषय है आत्मा|| इसी प्रकार वस्तुपरक सत्ता का संबंध है बहिर्जगत से यानी भौतिक जगत से और जिसका विषय है मन | आत्मा और मन | दो सत्ताओं की तरह इस विश्व ब्रह्माण्ड में एक मूल तत्त्व भी है  जिसे आध्यात्मिक भाषा में परमतत्व भी कहते हैं। और उस परमतत्व के दो रूप हैं - आत्मा और मन | लेकिन दोनों का स्वभाव भिन्न- भिन्न है आत्मा स्थिर है | स्थिरता और साक्षी भाव उसका गुण जबकि मन है अस्थिर | अस्थिरता और चंचलता उसका गुण है|

RECENTLY VIEWED PRODUCTS

BACK TO TOP