मंत्र-साहित्य का इतिहास अत्यंत प्राचीन है तथा इसका उद्भव प्रागेतिहासिक-काल में ही हो चुका था। वस्तुतः मन्त्रों का सृजन तभी से आरम्भ हुआ, जब से मनुष्य को वाणी का वरदान...
अतिप्राचीन मान्यतानुसार भगवान शिव द्वारा उपदिष्ट एवं कालान्तर में गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित शाबरमन्त्र भाषा एवं व्याकरण की दृष्टि से सर्वथा अशुद्ध होते हुये भी आर्यावर्त के ग्राम्यांचलों...