shani-banaye-dhani
New
Sold Out
  • SKU: KAB1787

Shani Banaye Dhani [Hindi]

₹ 102.00 ₹ 120.00
  • Product Type: Book
  • Barcode: 9788176048583
DESCRIPTION

इस पृथ्वी पर विचरण करने वाले प्रत्येक प्राणी का जीवन, भ्रमांड में विचरण करने वाले  नवग्रहों की गति और चाल पर निर्भर करता | जैसे जैसे इन नवग्रहों की स्थिति में परिवर्तन आता है , पृथ्वी पर रह रहे समस्त प्राणियों के जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते हैंऔर इन ग्रहों में सबसे अधिक क्रूर एवं भयानक दंड देने वाला ग्रह है 'शनि” | यही कारण है कि शनि से सभी भयभीत रहते हैं।| सूर्य पुत्र शनि देव के प्रकोप से कौन है, जो भयभीत नहीं होता। मनुष्य तो मनुष्य देवता भी शनि के प्रकोप से कांपते हैं। शनि की

दृष्टि पड़ने से ही पार्वती पुत्र गणेश का सर धड़ से अलग हो गया था | शनि की दृष्टि पड़ने से ही लंका जल कर राख हो गई थी | शनि देव की कुदृष्टि जब पड़ती है तो अच्छे-अच्छों के बुरे दिन प्रारम्भ हो जाते हैं। । चाहे राजा राम हों या फिर चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य, सभी को शनि ने अपनी दशा से बेहाल किया है। और तो और जब शनि का जन्म हुआ और उसकी दृष्टि अपने पिता सूर्य पर पड़ी तो भगवान सूर्यदेव कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए ,उनका सारथी अरुण पंगु हो गया, घोड़े अंधे हो गए। इस प्रकार शनि की दृष्टि महाविनाशकारी है।

शनि जब अपनी दशा में आता है या फिर जब शनि की साढ़ेसाती या ढैया आती है तो जातक का जीवन तबाह व बर्बाद हो जाता है। यही कारण है कि शनि की प्रलयंकारी दृष्टि से सभी बचना चाहते हैं, परंतु शनि सभी को समान दृष्टि से प्रतिकूल प्रभाव नहीं देता, कहने का तात्पर्य यह है कि शनि किस जातक को कितना कष्ट या पीड़ा देगा यह बात जातक की कुंडली में स्थित अन्य ग्रहों की स्थितियों पर भी निर्भर करती है। परंतु ऐसा नहीं है कि आप शनि देव के कोप का भाजन बनने को विवश हों ।

आप चाहें तो शनि देव की विनाशकारी दृष्टि से राहत पा सकते हैं।

आप चाहें तो शनि की भयंकर कुदृष्टि को क्षीण कर सकते हैं।

आप चाहें तो शनि के कुप्रभाव से बच सकते हैं।

आप चाहें तो शनि के प्रकोप से बिगड़ती अपनी दशा में सुधार ला सकते हैं।

 आप चाहें तो शनि आपको बना सकते हैं अतुलित धनी।

परंतु यह सब कैसे सम्भव होगा...इन्हीं सभी तथ्यों को इस पुस्तक में समाहित करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में शनि देव के जीवन से सम्बंधित सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया  है और उनकी प्रसन्नता तथा कृपा प्राप्ति के सभी माध्यमों से भी अवगत करवाया गया है।

REVIEWS

RECENTLY VIEWED PRODUCTS

BACK TO TOP