The All-Important Yogas in Vedic Jyotisha is meant for proper analysis, constitution and fixation of effects of the Yogas in a given chart. Although a plenty of Yogas has been...
The Ramala Jyotisha has its roots in a dialogue between Lord Shiva and Goddess Paarvati describing simple guidelines on the Prashna principle. According to the Shiva Purana, the term Ramala...
गणित ज्योतिषम खेल खेल में विधार्थियो को सबसे अधिक संशय और परिश्रम गणितखंड को समझने और उस प्रयोग में होता है I उनका सिद्धान्तपक्ष बहुत कमजोर रह जाता है I...
Chitrapaksha Ayanamsha Mishra’s Indian Ephemeris New Features Added Enlarged Comprehensive Improved *Complete panchanga for Samvat 2075 from January 2018 to March 2019 *The Tables of ascendants giving the beginning of...
पाराशर द्वारा स्वीकृत लेकिन पाराशर होरा में कुछ कम विस्तार से बताए गए महत्वपृर्ण और सटीक पहलुओं को मुनि जैमिनि ने सूत्र शैली में कहा था । चार अध्याय और...
जन्त्रपनी स्वय देखिए बड़े-बडे शास्त्र ग्रंथो के 'सार सार को गहि रहे' शैली में पाएं निचोड़ को इस लघुकाय ग्रन्थ में केवल 341 श्लोकों में समेटकर, जन्मपवी से फल कहने ...
ज्योतिष : उजाले की ओर अनेक बार ऐसे प्रश्नों, शंकाओ और उलझनों से हमारा वास्ता पड़ता है जिनका समुचित समाधान किसी ग्रन्थ में उपलब्ध नहीं है l ऐसी उलझने शास्त्रज्ञान...
अथर्ववेद में बताये गए उपयोगी रत्नों नगो और नगीनो को धारण करने से सोया भाग्य जगता है , ऐसा वेद वचन है I कौन सा रत्न पहने ? किस हाथ में कौन सी अंगुली में पहने ? हाथ के अलावा कहा पहने ? रत्न पहनने से क्या लाभ होगा ? इत्यादि प्रश्नों का वेदोक्त समाधान प्रस्तुत करने वाले इस ग्रन्थ में खास तौर पर आपके लिए मधुकरवृति से चुन चुनकर इन बिन्दुओ पर सरल व् सुबोध शैली से विचार किया गया है :-
1.अपना भाग्यशाली रत्न खुद चुन सकने के सुबोध तरीके
२. नो ग्रहो के रत्नों में से कौन से रत्न शुभ व् लाभ देने वाले है
३ .वर्गों और नगीनो के अतिरिक्त वनस्पति रत्नों का अर्थववेदीय विवेचन
४. जन्मपत्री की गहरी पड़ताल किए बिना ही केवल अपने लग्न या राशि के आधार पर अनुकूल रत्नों का निश्चय
५. राशि के आधार पर व्यक्ति के मूल भुत गुणों और विशेषताओ की खिलावट
६. जन्म समय में ग्रह किस भाव में स्थित है, इस आधार पर रत्न पहनने के शुभ अशुभ फलो का खुलासा
इस विषय पर अपने तरह की पहली पुस्तक में आप पाएंगे: निर्बल तिथि का उपाय, तिथि और हमारा व्यक्तित्व नवांश की तरह तिथियों में तिथि अंश जानना और फल, जन्मदिन की साठ घड़ियों...
मुहूर्तमंगलं इस पुस्तक में शास्त्र, व्यवहार, सरलता और आधुनिक युग के अनुरूप मुहूर्त के विषय में समग्र विवेचन करते हुए आपके लिए संजोया है : * मुहूर्त का आधार व्...
Mishra’s NIRAYANA TABLES OF ASCENDANTS . A long – felt requirement of exhaustive tables of Nirayana lagnas based on 24thayanamsha is now fulfilled. Tables are based on Indian Sidereal...